फलों एवम् सब्जियों के गुण और इनके सेवन से रोगों में होने वाले बेमिसाल फायदे :-
आजके दौर में सभी लोग यह बात जानते है कि फलों का सेवन हमारे उच्चतम स्वास्थ्य के लिए कितना आवश्यक है । आयुर्वेद के अनुसार हर फल का अपना महत्व होता है प्रत्येक फल के गुण और स्वास्थ्य लाभ अलग - अलग है ।फलों एवम् हरी सब्जियों का सेवन हमारे शरीर के विकास व शरीर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए अत्यंत आवश्यक माना गया है । डॉक्टर्स भी हमे स्वस्थ रहने के लिए फलों का सेवन आवश्यक बताते है । "व्यक्ति को अपने आहार में फलों को सम्मिलित करना चाहिए । फलों एवम् हरी सब्जियों में फाइबर और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में होते है जो सेहत को बनाए रखने में कारगर होते है और साथ ही यह हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखने का भी कार्य करते है ।यदि वेट लॉस की समस्या हो तो हमे फलों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। फलों के नियमित सेवन से हमारे शरीर में पर्याप्त ऊर्जा का संचार होता है जो शरीर को कई प्रकार के रोगों से लडने की क्षमता प्रदान करती है । " आयुर्वेद में वर्णन है कि यदि फलों का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो शरीर कभी बीमार नहीं पड़ता ।
नीचे विस्तार पूर्वक ताजे फलों एवम् सब्जियों के गुण और और इनका हमारे शरीर एवम् रोगों के उपचार में होने वाले फायदे को बहुत ही सुन्दर और स्पष्ट तरीके से वर्णित किया गया है :-
सिर दर्द पुराना :- एक मीठा सेब काटकर नमक लगाकर निर आहार मुंह में चबाकर खाने से सिर के दर्द को आराम मिलता है ।
दिमाग की कमजोरी : - खाना खाने से दस मिनट पहले एक मीठा सेब बिना छिला सेब दस दिन तक खाए, दिल और दिमाग दोनों को ताकत देता हैं ।
पेट की गैस :- एक मीठा सेब लेकर उसमें 10 ग्राम लौंग चुभो दे । दस दिन बाद लौंग निकालकर 1 लौंग रोजाना पानी से खाए। परहेज :- चावल एवम् बादी की चीज़ों को न खाए ।
ताकत के लिए :- एक मीठा अंबरी सेब जिसमें जितने लौंग आ सके चुभोकर किसी चीनी के बर्तन में आठ दिन तक पड़ा रहने दे । आठ दिन बाद लौंग निकालकर शीशी में रख दे और रोजाना 2 लौंग बारीक करके सुबह दूध से 20 दिन तक खाए ।मर्दाना ताकत पैदा करता है । नीचे लिखा तेल इस्तेमाल करेंगे तो दोगुना लाभ प्राप्त होगा ।
लौंग सुस्ती के लिए बढ़िया चीज है और ये लौंग गैस की बीमारी को भी ठीक करेगी ।धातु के म
रीज़ न खाए ।
रीज़ न खाए ।
दिल की कमजोरी :- सेब का मुरब्बा 50ग्राम चांदी के दो वर्क लगाकर सुबह के वक्त सेवन करे ।दिल की कमजोरी ,दिल का बैठना ठीक करेगा ।15 दिन खाए ।
नुस्खा तेल 10 ग्राम लौंग को ,60 ग्राम चमेली के तेल में आग पर जलाकर कपड़े से छानकर शीशी में भर ले । रात को थोड़ा तेल इन्द्र पर लगाकर 2 मिनट मालिश करे ,खराब नशे ठीक होकर खूब सख्ती आ जाएगी ।
केले में प्रचुर मात्रा में विटामिन B- 6 पाया जाता है केले को ऊर्जा का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है जो याददाश्त के साथ दिमाग भी तेज़ करता है । अतः उपवास में केले का सेवन करने से काफी देर तक भूख भी नहीं लगती । केला कब्ज को दूर करके पाचन भी दुरुस्त रखता है ।
दिल का दर्द :- दो केले एक तोला शहद डालकर खाने से लाभ मिलेगा ।
आंतों के मर्ज के लिए :- दो केले 150ग्राम दही के साथ कुछ दिन खाने से दस्त ,पेचिश संग्रह्नी को फायदा करता है ।
मुंह के छालों के लिए :- जीभ पर छालें पड़ने पर गाय के दूध के दही के साथ केला कुछ दिन इस्तेमाल करें, फायदा होगा ।
नकसीर:- एक पका हुआ केला शक्कर मिला के दूध के साथ आठ दिन खाए ।
दांत मजबूत :- अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक करके मलने से खून बंद और दांत मजबूत होते है ।
पीलिया :- मीठे अनार के दानों का रस 50 ग्राम रात को लोहे के बर्तन में निकाल कर छत पर रख दे ।सुबह थोड़ी कूंजा मिश्री मिलाकर 20-25 दिन पिलाए । कमलबाय ठीक होगा । नोट - खटाई का परहेज करे ।
खांसी :- मीठे अनार का छिलका 20 ग्राम ,नमक लाहौरी 3 ग्राम बारीक करके पानी में 1-1 ग्राम की गोलियां बनाए । दिन में तीन बार 2-2 गोली चूसें ।
नोट - खटाई का परहेज करे ।
काली खांसी :- 6 ग्राम अनार का छिलका थोड़े दूध में उबालकर पीने से काली खांसी को आराम मिलता है।
पेशाब का बार बार आना :- अनार का छिलका बारीक करके 4 ग्राम ताजे पानी के साथ दिन में दो बार खाने से मसाने की गर्मी और बार बार पेशाब का आना ठीक होता है ।दस दिन तक खाए ।
परहेज - चावल न खाए ।
स्वप्न दोष :- कंधारी अनार का छिलका बारीक करके 3 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ खाने से स्वप्न दोष ठीक होता है । दस दिन तक खाए ।
खटाई का परहेज करे, रात को दूध न पीएं ।
जामुन शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में लाभकारी माना जाता है । और इससे याददाश्त भी तेज़ होती है एवम् पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में भी सहायक है ।
लयुकोरिया प्रदर रोग: - जामुन की हरी ताजा छल छाया में सूखा कर बारीक करके 4-4 ग्राम सुबह - शाम बकरी या गाय के दूध के साथ खाने से औरतों के प्रदर रोग को फायदा होता है ।
माहवारी के लिए: - जामुन की हरी ताजा छाल 20 ग्राम पानी में रगड़ छानकर सुबह शाम पिलाने से माहवारी का खून ज्यादा आता हो तो कम करने में मदद करता है ।
हाजमा :- मीठे आम का रस 20 ग्राम और सोंठ दो ग्राम पीसकर मिला ले । सुबह के वक्त पीने से जिनको खाना ठीक से नहीं पचता है उनके लिए बहुत अच्छा है । 7 दिन तक पिए ।
मर्दाना ताकत के लिए :- मीठे आम का रस सवा सौ ग्राम दूध 250 ग्राम चीनी मिलाकर लस्सी की तरह बनाकर दो महीने तक शाम को पिए ।मर्दाना ताकत और शरीर की कमजोरी दूर करने के लिए बहुत बढ़िया है ।
लू लगने पर : - दो कच्चे आम आग में भूनकर उनका गुदा निचोड़कर 250 ग्राम पानी में थोड़ी बर्फ और चीनी मिलाकर दिन में दो बार पीएं ।लू की बीमारी को ठीक करता है ।
गर्भवती की उल्टी के लिए :- आम का रस 20 ग्राम, अर्क गुलाब 20ग्राम , कैल्सियम वाटर 20 ग्राम सबको मिलाकर दिन में 3 बार पिलाने से गर्भवती की उल्टी को फायदा करता है ।यह एक खुराक का वजन है ।
संतरे का सेवन शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होता है । संतरे में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है । संतरे का नियमित रूप से सेवन करने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह हमारे ह्यदय को भी स्वस्थ रखता है , साथ ही यह शरीर के पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखता है । वजन कम करने में भी संतरा अत्ती उत्तम माना गया है । साथ ही संतरे का सेवन त्वचा की सुंदरता को भी बढ़ाता है । संतरे के छिलकों का उपयोग भी बहुत ही फायदेमंद होता है ।
गाजर नेचरल वेट लॉस फूड है, जिसमें प्रोटीन के साथ फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है । इसे रोज खाने से पेट की प्रॉब्लम दूर होती है और फैट भी कंट्रोल रहता है । गाजर को चाहे कच्चा खाए या पकाकर इसके गुणों में कोई कमी नहीं आती है ।
पथरी :- गाजर के बीज और शलजम के बीज 20-20 ग्राम ले और मूली को अंदर से खोखला कर के गरम राख में भूरते की तरह भून ले । जब भून जाए तो बीज निकाल कर पीस ले । 6 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ खाए । बंद पेशाब खुलेगा और पथरी टूट कर निकल जाएगी ।
जिगर की गर्मी और पीलिया: - गाजर 100 ग्राम, गुड 100 ग्राम, 3 पाव पानी में रात को आग पर पका लें ।जब गाजर गल जाए तो सुबह चांदी के दो वर्क लगाकर खाए । जिगर की गरमी और पीलिया दोनों को फायदा करेगी ।10 दिन खाए । दिल को ताकत देती है ।
माहवारी :- गाजर के बीज 30 ग्राम कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो थोड़ी शक्कर डालकर 2-3 दिन पिलाए , माहवारी खुल कर आ जाती है।
पेट के कीड़े :- गाजर का रस 50 ग्राम निराहार मुंह दो सप्ताह पीने से कीड़े निकल जाएंगे । वयस्क को गरम करके दे ।
खरबूजे को गर्मियों का फल भी कहा जाता है । खरबूजा बहुत ही शीतल, शक्ति वर्धक एवम् पाचन को दुरुस्त रखने वाला तृप्ति कारक फल है । खरबूजे का सेवन कब्ज की शिकायत को दूर करने में भी लाभदायक है ।
खजूर के सेवन के भी अनेक फायदे होते है । खजूर में आयरन की मात्रा अधिक होती है । जिससे शरीर की हड्डियां मजबूत होती है, साथ ही यह शरीर के लिए शक्ति वर्धक भी माना जाता है । खजूर का नियमित सेवन शरीर में खून की कमी को भी पूरा करता है ।
दाद के लिए: - मूली के बीज ,गंधक,आमलसर गूगल 20-20ग्राम, नीला तुतिया 1 ग्राम सबको बारीक करके आधा पाव पानी में घिस कर रख दे ।दाद पर लगाए , कुछ दिन के बाद दाद ठीक हो जाएगा ।
बवासीर: - 20 ग्राम रसोत को मूली खोखली करके उसमे भरकर मुंह बंद करके उपलों की आग पर भस्म कर ले । दूसरे दिन रसौत निकाल कर मूली के रस में मोटे बेर के बराबर गोलियां बना कर रख ले ।एक गोली सुबह शाम को पानी से खाने से फायदा होगा । गरम चीज का परहेज करे।
पीलिया :- मूली के पत्ते , मूली का रस आधा पाव , शक्कर २ तोला मिलाकर सुबह 15-20दिन पीने से पीलिया में बहुत लाभ होता है । खटाई का परहेज रखे ।
मुंहासे :- 1 तोला मलाई में चोथाई नींबू निचोड़ कर नित्य मुंह पर लगाए । त्वचा में निखार आएगा । गीले मुंहासे पर न लगाए ।
उल्टी :- आधा नींबू का रस ,1 गिलास पानी, एक माशा छोटी इलायची के दाने मिलाकर पिलाए ।
सीने की जलन :- 1 गिलास ठंडे जल में नींबू डालकर देने से सीने कि जलन में लाभ पहुंचेगा ।
खूनी बवासीर :- 1 कागजी नींबू काटकर 1 माशा कत्था लगाकर रात को छत पर रखे और प्रातः काल उसको चुसिए , लाभ प्राप्त होगा ।
जुकाम (बंद गला ) :- अदरक का रस गरम कर के दिन में दो बार पीए, आराम मिलेगा ।
खांसी :- एक छोटा टुकड़ा अदरक और पांच तुलसी के पत्ते लेकर इनका रस निकाल ले और इस रस को हल्का गुनगुना करके एक चम्मच शहद के मिलाकर चाटने से खांसी में बहुत आराम मिलता है ।
दिमाग के लिए :- दस बादाम रात को पानी में भिगोकर सुबह छिलका उतार कर महीन पिसे और मक्खन मिश्री मिलाकर 1 माह तक सेवन करे ।
नजर के लिए :- 20 बादाम गिरी , आधा पाव मिश्री और आधा पाव सौंफ सबको महीन पीसकर रात को 1 गिलास गर्म दूध से 40 दिनों तक सेवन करिए ।
लौकी में सभी तरह के विटामिन एवम् प्रोटीन पाए जाते है ।
लौकी के सेवन सभी पाचन और गैस सम्बन्धी रोग दूर होते है । डायबिटीज के रोगियों के लिए लौकी का सेवन अत्यंत लाभप्रद होता है। लौकी में श्रेष्ठ किस्म का पोटैसियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में
बहुत उपयोगी है ।
सिरदर्द :- गर्मी के कारण सिरदर्द हो जाए तो लौकी का गुदा निकालकर महीन करके मस्तिष्क पर लेप कीजिए फायदा होगा ।
कान का दर्द :- लौकी का पानी ,लड़के वाली स्त्री का दूध समान मिलाकर गरम करके डालिए , कान के दर्द में लाभ होगा ।
खूनी दस्त :- घिए का छिलका सुखाकर महीन पीसकर 6 माशा शाम को ताजा पानी से 4-5 माह दीजिए । बवासीर खूनी दस्त समाप्त कर देगा ।
बालचर किशमिश 1 तोला, आवंला 6 माशा । दोनों को पानी में डालकर रात के समय सेवन करे ।
सुंखी खांसी :- बादाम गिरी, मुलहठी, मुन्नका सबको बारीक चूर्ण करके चने के बराबर गोली बनाकर दो दो गोली दिन में तीन बार चूसें । खांसी में लाभ होगा ।
स्त्रियों के लिए : - अंगूर का ताजा रस 50ग्राम रोजाना पीने से हाजमे कि परेशानी ,पेट का फूलना,कब्ज,सिर दर्द,चक्कर आना , अफारा आदि में लाभ मिलता हैं ।
मिर्गी के लिए :- 10ग्राम अकरकरा को बारीक करके 20 ग्राम मुन्नका में मिलाकर खूब रगड़ ले ।
पपीते में मौजूद विटामिन, एंजाइम, न्यूट्रिएंट्स लिवर के रोगों को दूर करने में सहायक होते है । कच्चे पपीते का सेवन पीलिया के रोगों में अत्यंत लाभदायक है । इसलिए सलाद के रूप में इसका सेवन जरूर करना चाहिए । पपीते में विटामिन ए तथा सी भरपूर मात्रा में पाए जाते है जिससे
हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा सर्दी,खांसी व जुखाम से बचाव होता है । इसके सेवन से पाचन शक्ति भी बढ़ती है ।
टमाटर का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होता है । टमाटर हमारे शरीर में आमाशय एवम् आंतों की सुरक्षा करता है। यदि प्रतिदिन टमाटर को 50 ग्राम की मात्रा में सलाद के रूप में सेंधा नमक व कालीमिर्च लगाकर सेवन करने से कब्ज दूर होती है और गैस की समस्या से भी छुटकारा मिलता है ।
टमाटर में बिटा केरोटीन होता है जो हार्ट की समस्या एवम्
कैंसर की प्रॉब्लम को कंट्रोल करता है । टमाटर में विटामिन C होता है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को हेल्दी बनाता है ।
गर्मियों में अधिक तेज़ धूप से त्वचा झुलसने पर कच्चे आलू का रस निकाल कर लगाने से फायदा होता है । आलू में आयरन, कैल्सियम और विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते है । आलू के सेवन से रक्त वाहिनियां में लचक पैदा होती है ।
इसलिए यह अपने आप में सम्पूर्ण आहार है ।
करेले के सेवन से लिवर की समस्याओं में लाभ मिलता है
करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स से मेटाबोलिक स्तर बढ़ता है जिससे पाचन से संबंधित समस्याएं भी दूर होती है । यह लिवर की सफाई करने के साथ इसकी कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायता करता है । और साथ ही साथ करेले का सेवन मधुमेह diabetes में भी अत्यंत लाभदायक होता है ।
भिन्डी एक ऐसी सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर है । भिन्डी विटामिन ए , बी , सी, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स एवम् खनिज का एक उच्चतम स्रोत है । भिन्डी में मौजूद फाइबर से कब्ज दूर होती है व पाचन तंत्र भी मजबूत होता है । भिन्डी अल्सर की समस्या को दूर करने के लिए एक प्रभावशाली दवा के रूप में भी जानी जाती है।
मैथी में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है यदि नियमित रूप मैथी का सब्जी के रूप में सेवन करने से खून की कमी तो दूर होती ही है साथ ही शरीर में भी शक्ति का संचार होता है । मैथी का सेवन शारीरिक दुर्बलता दूर करने में अत्यंत लाभदायक है ।
आलू बुखारा में विटामिन ए तथा सी पाया जाता है । इसका सेवन से अस्थमा के रोग को रोकने में मदद करता है । आलू बुखारा में मौजूद विटामिन ए आंखो कि रोशनी में वृद्धि करता है और आंखो को स्वस्थ रखता है । इसका छिलका भी गुणों से भरपूर होता है । छिलके सहित आलूबुखारा का सेवन करना चाहिए इसमें मौजूद तत्व कैंसर और ट्यूमर को बढ़ने से रोकते है ।
0 Comments