अपनी बीमारी अपना इलाज
diabetes (मधुमेह):-
यह एक नाईलाज़ बीमारी है । जो यदि एक बार हो जाए तो जीवन भर ठीक नहीं होती है।
आजकल की इस दौड़ धूप भरी व्यस्त जीवनशैली में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक लापरवाह होते जा रहे है जिसके परिणामस्वरूप बाद में धीरे धीरे यह लापरवाही बीमारी का रूप ले लेती है । इसी कारण आजकल एक रोग जो हर किसी को अपना शिकार बना रहा है वो है मधुमेह।
मधुमेह एक ऐसा रोग है जो अगर एक बार हो जाए तो आसानी से नहीं ठीक होता है या आजीवन इस रोग का सामना करना पड़ता है । और यह रोग अपने साथ साथ कई अन्य बीमारियों को भी न्योता देता है ।
जैसे :- लिवर की समस्या, आंखो की रोशनी, रक्त दाब आदि।
आजकल यह बीमारी हर उम्र के लोगों में देखने को मिल जाती है ।
आजकल की इस दौड़ धूप भरी व्यस्त जीवनशैली में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक लापरवाह होते जा रहे है जिसके परिणामस्वरूप बाद में धीरे धीरे यह लापरवाही बीमारी का रूप ले लेती है । इसी कारण आजकल एक रोग जो हर किसी को अपना शिकार बना रहा है वो है मधुमेह।
मधुमेह एक ऐसा रोग है जो अगर एक बार हो जाए तो आसानी से नहीं ठीक होता है या आजीवन इस रोग का सामना करना पड़ता है । और यह रोग अपने साथ साथ कई अन्य बीमारियों को भी न्योता देता है ।
जैसे :- लिवर की समस्या, आंखो की रोशनी, रक्त दाब आदि।
आजकल यह बीमारी हर उम्र के लोगों में देखने को मिल जाती है ।
मधुमेह के लक्षण :-
अधिक भूख लगना और बार बार गले का सुखना ।
पेशाब का बार बार आना ।
आंखो की रोशनी का धुंदला होना ।
नींद का कम आना ।
उच्च रक्त चाप निम्न रक्तचाप का होना ।
अत्यधिक थकान महसूस करना एवम् हाथ पैरों में झनझनाहट का होना ।
हाथ एवम् पैरों का सुन्न पड़ना ।
किसी चोट का धीरे धीरे ठीक होना या घाव का धीरे भरना ।
यौन क्षमता में कमी का आना ।
रोगी में चिड़चिड़ापन हो जाना एवम् सिर दर्द की समस्या होना ।
पेशाब का बार बार आना ।
आंखो की रोशनी का धुंदला होना ।
नींद का कम आना ।
उच्च रक्त चाप निम्न रक्तचाप का होना ।
अत्यधिक थकान महसूस करना एवम् हाथ पैरों में झनझनाहट का होना ।
हाथ एवम् पैरों का सुन्न पड़ना ।
किसी चोट का धीरे धीरे ठीक होना या घाव का धीरे भरना ।
यौन क्षमता में कमी का आना ।
रोगी में चिड़चिड़ापन हो जाना एवम् सिर दर्द की समस्या होना ।
मधुमेह के कारण:-
अत्यधिक मोटापे के कारण मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
इंसुलिन के स्राव में कमी के कारण मधुमेह रोग उत्पन्न हो जाता है ।
अत्यधिक वजन बढ़ने या मोटापे से एवम् अत्यधिक तनाव के कारण भी मधुमेह हो सकता है ।
इंसुलिन के स्राव में कमी के कारण मधुमेह रोग उत्पन्न हो जाता है ।
अत्यधिक वजन बढ़ने या मोटापे से एवम् अत्यधिक तनाव के कारण भी मधुमेह हो सकता है ।
मधुमेह के प्रकार:- मधुमेह के वैसे तो 2 प्रकार होते है ।
मधुमेह 1 और मधुमेह 2 ।लेकिन मधुमेह का एक प्रकार गर्भा अवधि भी होता है ।
मधुमेह 1 और मधुमेह 2 ।लेकिन मधुमेह का एक प्रकार गर्भा अवधि भी होता है ।
मधुमेह 1:- इसमें शरीर में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है एवम् हार्मोन इंसुलिन बनना बंद हो जाता है ।
मधुमेह 2:- इस प्रक्रिया में हार्मोन्स काम करना बंद कर देते है या यूं कहे की हार्मोन इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता है ।
गर्भावधी :- ज्यादातर महिलाओं में जेस्टेश्नल मधुमेह पाया जाता है ।इस अवधि में हार्मोन इंसुलिन महिला व उसके बच्चे के लिए इंसुलिन नहीं बना पाता है ।
इसके लिए या इससे बचने के लिए महिलाओं को उचित अच्छा आहार एवम् अपने शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करके भी किया जा सकता है ।
ज्यादातर लोगों में मधुमेह 1 पाया जाता है । यह बुजुर्गो में एवम् मोटापे से ग्रस्त लोगों में ज्यादा होने की संभावना रहती है ।
रोकथाम के उपाय :-
रोगी को अपने आहार का विशेष कर ध्यान रखना चाहिए ।
समय पर इंसुलिन का प्रयोग करना चाहिए।
समय पर इंसुलिन का प्रयोग करना चाहिए।
diabetes मधुमेह वाले रोगी को मीठे शुगर वाले पदार्थो का सेवन करने से बचना चाहिए ।
इस रोग में धीरे धीरे पैदल चलना और प्रातः कालीन शैर (घूमना) अवश्य चाहिए ।
उपचार:-
इस रोग के इलाज़ के लिए कुछ ऐसे घरेलू नुश्के है जिनका उपयोग करके इस बीमारी से निजात पाई जा सकती है । लेकिन किसी भी रोग या बीमारी को ठीक करने के लिए हमें उसके सभी कारणों को छोड़ना होगा जिनसे रोग बढ़ने के आसार भी बढ़ जाते है । हम यहां पर आपको कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे बताने जा रहे है जिनके उपयोग से आपको मधुमेह के रोग में निश्चय ही राहत मिलेगी ।
1. रोगी की प्रारम्भिक अवस्था में जामुन के चार पत्ते सुबह एवम् शाम को चबाकर खाने से तीन दिन में मधुमेह में लाभ मिलेगा ।
2. करेले का सेवन भी मधुमेह में अत्यंत लाभकारी है ।
3.जामुन की गुठलियों को सुखाकर ,पीसकर उनका चूर्ण बना लें । 2 चमच प्रातः पानी के साथ सेवन कर 21 दिन तक ले ।लाभ अवश्य होगा।
4.मेथी दाना 6 ग्राम लेकर थोड़ा कुट ले और सायं पानी में भिगो दे । प्रातः इसे खूब घोंटे और बिना मीठा मिलाए पीये ।दो मास तक सेवन करने से डायबिटीज ( मधुमेह) नाम का रोग दूर हो जाता है।
5.रोगी को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और अपने आहार को अच्छा बनाए ।
6.मधुमेह के रोगी को अपने साथ हमेशा कुछ मीठा अवश्य रखना चाहिए ।
7. मधुमेह के रोगी को नियमित रूप से धीरे धीरे पैदल चलना चाहिए ।
8.नियमित रूप से मेडिटेशन का भी उपयोग करे ।
7. मधुमेह के रोगी को नियमित रूप से धीरे धीरे पैदल चलना चाहिए ।
8.नियमित रूप से मेडिटेशन का भी उपयोग करे ।
0 Comments