आंखो के रोग, इसके लक्षण और उपचार:-
गर्मियों के मौसम का दुष्प्रभाव सीधा हमारी आंखो पर ही पड़ता है । क्योंकि आंखे हमारे शरीर का बहुत ही संवेदनशील अंग है । इस मौसम में आंखो के कई रोग देखने को मिल जाते है जैसे - आंखो का लाल होना, आंख का दुखना, जलन ,आंखो का सूज जाना, सुख जाना आदि ।
आंखो के रोग के लक्षण :-
1.आंखो में होने वाले संक्रमण को हम आई फ्लू कहते है ।
इसमें को सफेद झिल्ली होती है वह एकदम लाल हो जाती है और आंखो में खुजली होने लगती है । जिस वजह से हम आंखो को मसल लेते है और यही कारण है कि हमारे गंदे हाथो या अंगुलियों की वजह से संक्रमण तेज़ी फैलने लगा जाता है । जिससे आंख और अधिक सूज कर लाल हो जाती है । और साथ ही दर्द भी महसूस होने लग जाता है ।
इसमें को सफेद झिल्ली होती है वह एकदम लाल हो जाती है और आंखो में खुजली होने लगती है । जिस वजह से हम आंखो को मसल लेते है और यही कारण है कि हमारे गंदे हाथो या अंगुलियों की वजह से संक्रमण तेज़ी फैलने लगा जाता है । जिससे आंख और अधिक सूज कर लाल हो जाती है । और साथ ही दर्द भी महसूस होने लग जाता है ।
2. कंप्यूटर ,टीवी, और मोबाइल इनके लगातार इस्तेमाल से भी आंखो की परेशानी हो सकती है । इनसे आंखो में जलन होने ,खुजली होने जैसी स्थति होने लगती है ।
उपाय :-
1. आंखो को मसलने से बचना चाहिए । एवम् धूप में sun glasses
का उपयोग करना चाहिए ।
का उपयोग करना चाहिए ।
2. आंखो को बार - बार छूने से भी बचना चाहिए ।
3. आंखो को छूने से पहले हाथो को साबुन से अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए ।
4. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में जाने से भी बचें ।
1. 50 ग्राम गुलाब जल में एक हल्दी कि गांठ कूटकर दूसरे दिन छानकर शीशी में भर लेवे । आंख में लाली एवम् जलन , जख्म हो तो 2-2 बूंद दिन में 3-4 बार डाले आराम होगा ।
2. आंख का मरीज़ भुने हुए चने ना खाए ।
3. तिल के ताजे 5 फूल अप्रैल के महीने में निगले तो पूरे वर्ष आंख नहीं दुखेगी ।
4. हरड़ को रात भर पानी में भीगने दे और प्रातः काल उसी जल से आंखो को धोएं । इससे आंखे भी नहीं दुखती और आंखो में ठंडक भी बनी रहती है ।
गुहेरी :-
आंखो की पलकों के ऊपर कोने में फुंसी निकलने को गुहेरी कहते है । इसमें हल्का हल्का दर्द भी होता है और यह एक गांठ की तरह होती है ।
1. लौंग को पानी में घिसकर लगाने से गुहेरी बैठ जाती है ।
2. गुलाब जल में छोटी हरड़ को घिस कर लेप करने से लाभ मिलता है।
3. गुलाब जल में फिटकरी का पानी मिलाकर डालने से गुहेरी बैठ जाती है ।
अत्यधिक प्रकाश , धूल और दूषित वातावरण की वजह से रतोंधी होती है । इसमें रोगी को रात्रि में बिल्कुल दिखाई नहीं देता ।दिन में साफ दिखाई देता है ।
1. सफेद प्याज का रस आंखो में डालने से लाभ होता है ।
2.तुलसी के पत्तो का रस दिन में 3-4 बार डालने से लाभ मिलता है ।
3. देसी गाय का मूत्र आंखो में डालने से काफी लाभ होता है ।
इस बीमारी में रोगी की दृष्टि में धुंधलापन आ जाता है और आंखो की पुतली में सफेदी छा जाती है । यह रोग अक्सर वृद्धावस्था में होता है कुछ भी स्पष्ट दिखाई नहीं देता ।
1. असली चंदन घिसकर प्रतिदिन आंखो में लगाने से मोतियाबिंद आएगा नहीं ।
2. मोतियाबिंद की प्रारम्भिक अवस्था में शहद को सलाई द्वारा आंखो में लगाने से मोतियाबिंद का बढ़ना रुक जाता है ।
बड़ों की आंखो की सुजन:-
सुपारी को पत्थर पर पानी के साथ घिस कर लगाने से आंखो की सूजन दूर हो जाती है ।आंखो के ऊपर लेप करे ।
आंखो की दवाइयां :-
आंखो की दवाइयां :-
1. सुबह शाम एक गिलास गाजर का रस पीने से मोतिया बिंद में लाभ मिलता है ।
2.मोतिया बिंद का असली और सही इलाज ऑपरेशन करवा ले ।
3. फिटकरी भस्म 5ग्राम , गुलाब जल 50ग्राम में मिला ले रोजाना सुबह और रात को 2-2 बूंद आंखो में डाले ।
मोतिया नहीं रहेगा,अगर है तो बढ़ेगा नहीं, नजर कम नहीं होगी, दुखती आंखो में न डाले ।
मोतिया नहीं रहेगा,अगर है तो बढ़ेगा नहीं, नजर कम नहीं होगी, दुखती आंखो में न डाले ।
4. शहद सलाई से रोजाना आंख में लगाने से मोतिया बिंद रुक सकता है ।
0 Comments