बवासीर (  Piles):- 
               

बवासीर दो प्रकार की होती है - andar ki or Bahar ki |
अंदर की बवासीर में मस्से अंदर की तरफ होते है | गोल चपटे और उभरे हुए चने या मसूर की दाल के बराबर होते है
| कब्ज की वजह से जब अन्दर का मस्सा शौच करते समय जोर लगाने से बहार आ जाता है तो मरीज दर्द से तड़प उठता है और मस्से छिल जाये तो जख्म हो जाता है |
2. बाहर की बवासीर में मस्से गुदा वाली जगह होता है. इसमें इतना ज्यादा दर्द नहीं होता लेकिन कभी कभी मीठी मीठी खारिस या खुजली होती है जिस से मरीज परेशान भी हो जाता है | और ज्यादा भीड़ भाड़ वाली जगह पर थोड़ा असहज महसूस करने लग जाता है.और अगर मरीज़ को इस दौरान कब्ज भी हो तो इसमें खून (ब्लड) आने लग जाता  है जिसको देखकर मरीज़ घबरा जाता है और उसका चेहरा पीला पड़ जाता है ।

                       
बवासीर के (लक्षण) :- बवासीर से मरीज़ का हाजमा खराब हो जाता है |
भूख नहीं लगती है और कब्ज की शिकायत भी रहने लग जाती है|
कभी कभी पेट में गैस भी बन ने लग जाती है ।
मरीज का दिल जिगर कमजोर हो जाता है ।
आमतौर पर शारीरिक कमजोरी आने लगती है ।
जिसके कारण मरीज के चेहरे पर हलकी सूजन भी आ जाती है |
आमतौर पर लोग यह बीमारी होने पर जल्दी से कहने में हिचकिचाते हैं या फिर इसे नजरअंदाज करते हैं। जिसके कारण व्यक्ति को कब्ज, मल त्याग के दौरान दर्द व जलन व अन्य कई तरह की समस्याएं होती है।
इसके साथ साथ मरीज़ को उठने एवं बैठने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है ।
यह एक ऐसी बीमारी है जो मरीज़ के अंदर हीनभावना को पैदा कर देती है ।
लेकिन आज के दौर में कई ऐसे विज्ञापन होते है जिनके चक्कर में पड़कर मरीज़ हकीमों के पास जाता है जिससे पैसे एवम् समय दोनों का नुक़सान होता है और मरीज़ को निराशा का सामना करना पड़ता है ।
आज हम आपको बवासीर के कुछ घरेलू इलाज बताने जा रहे है जिसको करने से कुछ हद तक या पूर्णतया इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।
बवासीर का प्रमुख कारण कब्ज होता है अगर आपको कब्ज की शिकायत रहती है तो आपको तुरंत इसका इलाज करना चाहिए जिससे बवासीर जैसी बीमारी से बचा जा सके।
1.बवासीर के इलाज के लिए सबसे उपयुक्त एवं प्रभावशाली औषधि :- 250 ग्राम दूध को गैस या आग पर गरम करे और जब दूध पीने लायक हो जाए तो एक कटोरी में आधे नींबू के रस को निकाल कर रख लेवे और दूध में डालकर तुरंत मिलाकर सुबह खाली पेट 7 दिन तक लगातार सेवन करने से बवासीर की समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी ।बस नियमितता का ध्यान अवश्य रखे ।

2.त्रिफला चूर्ण का आयुर्वेद में एक कारगर औषधि के रूप में जाना जाता है कब्ज के लिए आपको त्रिफला चूर्ण को एक चमच  रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ लेना होगा जिस से कब्ज की शिकायत दूर होगी एवं बवासीर में भी लाभ प्राप्त होगा ।

3. मरहम बवासीर :- वैसलीन सफेद 50 ग्राम, कपूर 6 ग्राम,सलफड़ायजीन की 3 गोली ,बोरिक एसिड 6 ग्राम सबको मिलाकर बारीक करके वैसलीन में मिलाकर रात को सोते समय सुबह शोच जाने से पहले दिन में एक बार रोजाना उंगली से मस्सो पर अंदर बाहर लगाए ।

4. खूनी बवासीर :- गेंदे के हरे पत्ते 10 ग्राम, काली मिर्च 5 ग्राम, कुंजा मिश्री 10 ग्राम,60 ग्राम पानी से रगड़ कर छानकर 4 दिन तक एक एक बार पिए । गरम चीज नहीं खाए एवं कब्ज नहीं होने दे।

5. 50 ग्राम रीठे लेकर तवे पर रखकर कटोरी से ढक दे और तवे को आधा घंटा गैस या आग पर जलाए । रीठे भस्म हो जाएंगे। ठंडे होने पर बारीक करके रीठे की भस्म 20 ग्राम, कत्था सफेद 20 ग्राम, कुस्ता फौलाद 3 ग्राम सबको बारीक करके मिला लेवे  । वजन 1 ग्राम सुबह को, एवं शाम को 1 ग्राम, 20 ग्राम मखन में रख कर खाए ऊपर से 250 ग्राम दूध पिए । 10-15 दिन खाए यह बहुत बढ़िया दवा है । खूनी बादी बवासीर को दूर करेगी ।परहेज :- गुड गोस्त , शराब,आम,अंगूर नहीं खाए और कब्ज नहीं होने देवे ।

6. सूखे हुए अंजीर लें या उन्हें सूखा लेवे और उन्हें रात भर पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें.।यह भी बवासीर के इलाज में कारगर दवा है।

7. बवासीर के उत्तम एवं सर्वोपरि इलाज के लिए  नुस्खा 1 नंबर अपनाए शीघ्र एवं चमत्कारिक फायदा होगा ।

बवासीर की समस्या होने पर किसी भी तरह की लापरवाही न करें और सिर्फ घरेलू नुस्खों के भरोसे ही न रहें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें । और उचित इलाज करवाए ।